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नीमच, – कभी अफीम की पैदावार के लिए देशभर में मशहूर रहे नीमच जिले की पहचान अब धीरे-धीरे बदलने लगी है। अब यह जिला नशा-मुक्ति की दिशा में उदाहरण बनने की ओर बढ़ रहा है। शासन के निर्देश पर हाल ही में जिला मुख्यालय पर आयोजित NCORD (Narcotics Coordination) समिति की बैठक में इसी लक्ष्य की ओर एक मजबूत कदम बढ़ाया गया।बैठक में कलेक्टर हिमांशु चन्द्रा** और पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल की अगुवाई में मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम कसने, युवाओं में नशे के प्रति जागरूकता फैलाने और पुनर्वास केंद्रों की स्थिति सुधारने पर रणनीति तैयार की गई।ज़मीन पर भी दिखने लगे हैं प्रयासपुलिस विभाग हाल के दिनों में डोडा चूरा और अफीम की तस्करी के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई कर रहा है। गांवों और सीमावर्ती क्षेत्रों में छापामारी, वाहनों की चेकिंग और गिरफ़्तारियों की खबरें रोजाना सामने आ रही हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि प्रशासन अब इस गंभीर समस्या को सिर्फ कागज़ों में नहीं, धरातल पर भी चुनौती मानकर चल रहा है। मगर एक विभाग बना चिंता का विषय जहां पुलिस सतत सक्रियता दिखा रही है, वहीं नारकोटिक्स विंग की हालिया निष्क्रियता चर्चा का विषय बन गई है। कभी यही विभाग नशे के नेटवर्क को तोड़ने में अग्रणी भूमिका निभाता था, लेकिन अब उसकी सक्रियता पर सवाल उठने लगे हैं। याद आ रहा है एक नाम – इंस्पेक्टर रऊफ खान नीमच जिले में जब इंस्पेक्टर रऊफ खान नारकोटिक्स विंग में पदस्थ थे, तब लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई की जाती थी। डोडा चूरा और अफीम की तस्करी करने वाले कई बड़े तस्करों की कमर तोड़ दी गई थी। उनके नेतृत्व में हुई कार्यवाहियों से नशा कारोबारियों में खौफ और समाज में विश्वास पैदा हुआ था। स्थानीय जनता आज भी उनकी कार्यशैली को मिसाल के तौर पर याद करती है। आगे की राह:NCORD बैठक में लिए गए निर्णयों की ज़मीनी क्रियान्वयन की परीक्षा अब शुरू हो चुकी है। यदि सभी विभाग एकजुटता और सक्रियता से काम करें, तो वह दिन दूर नहीं जब नीमच भारत का पहला “ड्रग-फ्री ज़िला” बनकर एक नई कहानी लिखेगा।नीमच अब सिर्फ अफीम की पहचान नहीं बल्कि यह एक ऐसी जागरूकता का प्रतीक बन सकता है जहां नशे के खिलाफ सरकार, समाज और सिस्टम तीनों साथ खड़े हों। लेकिन यह तभी संभव है जब हर जिम्मेदार इकाई – विशेषकर नारकोटिक्स विंग – एक बार फिर उस जुनून के साथ मैदान में उतरे, जैसा कभी रऊफ खान सहित अन्य अधिकारी के समय देखा गया था। |
नीमच, – कभी अफीम की पैदावार के लिए देशभर में मशहूर रहे नीमच जिले की पहचान अब धीरे-धीरे बदलने लगी है। अब यह जिला नशा-मुक्ति की दिशा में उदाहरण बनने की ओर बढ़ रहा है। शासन के निर्देश पर हाल ही में जिला मुख्यालय पर आयोजित NCORD (Narcotics Coordination) समिति की बैठक में इसी लक्ष्य की ओर एक मजबूत कदम बढ़ाया गया।बैठक में कलेक्टर हिमांशु चन्द्रा** और पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल की अगुवाई में मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम कसने, युवाओं में नशे के प्रति जागरूकता फैलाने और पुनर्वास केंद्रों की स्थिति सुधारने पर रणनीति तैयार की गई।ज़मीन पर भी दिखने लगे हैं प्रयासपुलिस विभाग हाल के दिनों में डोडा चूरा और अफीम की तस्करी के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई कर रहा है। गांवों और सीमावर्ती क्षेत्रों में छापामारी, वाहनों की चेकिंग और गिरफ़्तारियों की खबरें रोजाना सामने आ रही हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि प्रशासन अब इस गंभीर समस्या को सिर्फ कागज़ों में नहीं, धरातल पर भी चुनौती मानकर चल रहा है। मगर एक विभाग बना चिंता का विषय जहां पुलिस सतत सक्रियता दिखा रही है, वहीं नारकोटिक्स विंग की हालिया निष्क्रियता चर्चा का विषय बन गई है। कभी यही विभाग नशे के नेटवर्क को तोड़ने में अग्रणी भूमिका निभाता था, लेकिन अब उसकी सक्रियता पर सवाल उठने लगे हैं।
याद आ रहा है एक नाम – इंस्पेक्टर रऊफ खान नीमच जिले में जब इंस्पेक्टर रऊफ खान नारकोटिक्स विंग में पदस्थ थे, तब लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई की जाती थी। डोडा चूरा और अफीम की तस्करी करने वाले कई बड़े तस्करों की कमर तोड़ दी गई थी। उनके नेतृत्व में हुई कार्यवाहियों से नशा कारोबारियों में खौफ और समाज में विश्वास पैदा हुआ था। स्थानीय जनता आज भी उनकी कार्यशैली को मिसाल के तौर पर याद करती है।
आगे की राह:NCORD बैठक में लिए गए निर्णयों की ज़मीनी क्रियान्वयन की परीक्षा अब शुरू हो चुकी है। यदि सभी विभाग एकजुटता और सक्रियता से काम करें, तो वह दिन दूर नहीं जब नीमच भारत का पहला “ड्रग-फ्री ज़िला” बनकर एक नई कहानी लिखेगा।नीमच अब सिर्फ अफीम की पहचान नहीं बल्कि यह एक ऐसी जागरूकता का प्रतीक बन सकता है जहां नशे के खिलाफ सरकार, समाज और सिस्टम तीनों साथ खड़े हों। लेकिन यह तभी संभव है जब हर जिम्मेदार इकाई – विशेषकर नारकोटिक्स विंग – एक बार फिर उस जुनून के साथ मैदान में उतरे, जैसा कभी रऊफ खान सहित अन्य अधिकारी के समय देखा गया था।
NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |